रांची ,18 सितंबर 2024 : पिछले 22 अगस्त से *आई.सी.टी. स्कूल कॉर्डिनेटर वेल्फेयर एसोसिएशन* के बैनर तले हड़ताल और धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। 28 दिन बीत जाने के बावजूद, सरकार और संबंधित विभाग ने कोई पहल नहीं की, जिससे आंदोलनकारियों में भारी असंतोष है। आज, 18 सितंबर को, आहत होकर प्रदर्शनकारियों ने अर्ध नग्न पैदल मार्च किया, जो सरकार के उदासीन रवैये के खिलाफ एक सशक्त विरोध का प्रतीक है।
**झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद** (JEPC) के अंतर्गत सामग्र शिक्षा अभियान के तहत आई.सी.टी. BOOT मॉडल परियोजना को विभिन्न आउटसोर्सिंग कंपनियों के माध्यम से संचालित किया जा रहा है। इस टेंडर प्रक्रिया में कंपनी और JEPC द्वारा कई अनियमितताएं की जा रही हैं, जिसके कारण कर्मचारियों के हितों का उल्लंघन हो रहा है।

आउटसोर्सिंग कंपनियां मनमाने ढंग से कर्मचारियों को निष्कासित कर रही हैं, और इस समस्या को सुलझाने के लिए कोई ठोस प्रणाली उपलब्ध नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार इन कंपनियों के दबाव में काम कर रही है, और पूंजीपतियों के हितों की रक्षा कर रही है।
प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर शिक्षित नौजवानों के शोषण का आरोप लगाते हुए कहा कि आउटसोर्सिंग प्रणाली से उनका निरंतर शोषण हो रहा है। सरकार का रवैया इस बात की पुष्टि करता है कि विभाग कंपनियों के कमीशन पर चल रहा है, जो न केवल कर्मचारियों के अधिकारों का हनन है, बल्कि पूरे सिस्टम पर प्रश्नचिह्न लगाता है।
**”आउटसोर्सिंग हटाओ, देश बचाओ”** का नारा देते हुए प्रदर्शनकारियों ने सरकार से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है ताकि शिक्षित युवाओं के शोषण को रोका जा सके और उनके अधिकारों की रक्षा की जा सके।
