झारखंड राज्य दफादार चौकीदार पंचायत के सदस्य पहुंचे कूटे मैदान, अपनी मांग को लेकर एकदिवसीय धरना प्रदर्शन करते हुए

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पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार झारखंड राज्य दफादार चौकीदार पंचायत द्वारा झारखंड में चौकीदारी व्यवस्था बचाने हेतु अपनी 06 सूत्रीय माँगों को लेकर झारखंड विधानसभा, रांची के सामने (कुटेक मैदान) में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस धरना-प्रदर्शन की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष श्री कृष्ण दयाल सिंह ने की और संचालन श्री [नाम] ने किया। धरना स्थल पर उपस्थित दंडाधिकारी को 06 सूत्रीय माँग पत्र सौंपा गया।

धरना-प्रदर्शन के दौरान जिन प्रमुख माँगों को लेकर आवाज उठाई गई, उनमें शामिल हैं:

 

1. सेवास्लिम चौकीदारों को पुनः सेवा में योगदान कराना।

 

 

2. 01 जनवरी 1990 के पूर्व और बाद में सेवानिवृत्त चौकीदार-दफादारों के आश्रितों की नियुक्ति पूर्व प्रक्रिया के अनुसार करना।

 

 

3. सेवा-विमुक्त और एवजी चौकीदारों को न्याय दिलाने हेतु तत्काल अध्यादेश जारी करना या झारखंड ग्राम चौकीदार (संशोधन) विधेयक-2025 पारित कराना।

 

 

4. झारखंड चौकीदार संवर्ग नियमावली-2015 में उल्लिखित प्रावधानों के खिलाफ जिलों में चौकीदारों के रिक्त पदों पर की गई नियुक्तियों को जनहित और राज्यहित में रद्द करना।

 

 

5. वित्तीय वर्ष 2025-26 का पूरा आवंटन एक ही बार में भेजा जाए ताकि प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह में वेतन का भुगतान सुनिश्चित हो सके।

 

 

 

धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष श्री कृष्ण दयाल सिंह ने झारखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से माँग की कि सेवा विमुक्त चौकीदारों को पुनः सेवा में योगदान कराने और 01 जनवरी 1990 के पूर्व और बाद में सेवानिवृत्त चौकीदार-दफादार, घटवार, दिगवार और सरदारों के आश्रितों की नियुक्ति पूर्व प्रक्रिया के अनुसार कराने हेतु भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16(4) की भावना के आलोक में तत्काल अध्यादेश जारी किया जाए या झारखंड ग्राम चौकीदार (संशोधन) विधेयक-2025 को पारित किया जाए।

 

नियुक्ति में नियमावली के उल्लंघन का आरोप

श्री सिंह ने बताया कि झारखंड चौकीदार संवर्ग नियमावली-2015 की कंडिका 2(9) में स्पष्ट प्रावधान है कि “बीट” से अभिप्रेत है, एक चौकीदार का कार्यक्षेत्र जिसमें 100 से 120 आवासीय घरों का समूह होगा। कंडिका 4 में प्रावधान है कि नियुक्ति एवं प्रोन्नति के लिए राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित जिला स्तरीय आरक्षण लागू होगा। वहीं, कंडिका 5(5) में स्पष्ट उल्लेख है कि अभ्यर्थी को संबंधित बीट क्षेत्र का स्थायी निवासी होना अनिवार्य होगा।

 

श्री सिंह ने कहा कि इन प्रावधानों का जिलों में चौकीदार पद की नियुक्ति के दौरान पालन नहीं किया गया है। चौकीदारों के रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु विज्ञापन जारी करने से पहले या बाद में 100 से 120 आवासीय घरों पर बीट नहीं बनाया गया। सफल अभ्यर्थियों को जिस बीट में नियुक्त किया गया है, वे उस बीट के स्थायी निवासी नहीं हैं। नियमावली के अनुसार एक बीट में एक ही चौकीदार नियुक्त होना चाहिए, लेकिन कई बीटों में 3-4 चौकीदारों की नियुक्ति कर दी गई है।

बोकारो में नियमों का उल्लंघन

श्री सिंह ने विशेष रूप से बोकारो जिले का उदाहरण देते हुए बताया कि पुराने बीट को छोड़कर नया बीट सृजित नहीं किया गया है और न ही झारखंड कैबिनेट से एक बीट में एक से अधिक पद स्वीकृत किए गए हैं। ऐसे में एक बीट में एक से अधिक चौकीदारों की नियुक्ति कैसे कर दी गई? उन्होंने आरोप लगाया कि अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को भी शून्य कर दिया गया है। इसके अलावा, अनुकम्पा के आधार पर रिक्त पदों पर (आवेदन देने की अवधि समाप्त होने से पहले) विज्ञापन जारी कर चौकीदारों की नियुक्ति कर दी गई, जिससे जनहित और राज्यहित प्रभावित हुआ है।

 

विधानसभा समिति से जाँच की माँग

श्री सिंह ने झारखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से माँग की है कि झारखंड में चौकीदारी व्यवस्था बचाने के लिए उन जिलों में चौकीदारों के रिक्त पदों पर अवैध नियुक्ति की जाँच झारखंड विधानसभा की समिति से कराई जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि झारखंड उच्च न्यायालय, रांची और झारखंड सरकार ने चौकीदार/दफादारों के पद को सार्वजनिक पद नहीं माना है, बल्कि इसे परंपरागत पद माना है। उन्होंने कहा कि यदि चौकीदार के पद को सार्वजनिक पद माना जाएगा तो नए बीट सृजित करने होंगे, जो अब तक नहीं किए गए हैं।

 

धरना में शामिल प्रमुख लोग

इस धरना-प्रदर्शन में मुख्य रूप से सर्वश्री एतवा उरांव, उमेश पासवान, राम किसून गोप, मरेंद्र गोय, नौशाद आलम, सीता उरांव, किशोर कुमार महती, देवंती देवी, परमेश्वर पासवान, रासुकच्छप, भैया राम तुरी, बंदे गोप, सरयू यादव, नेजावत अंसारी, समशुल अंसारी, तपेश्वर लाल, विकास कुमार दास, किशोर कुमार बड़ाईक, शिबू पहाड़िया, मिथलेश यादव, शांतन पासवान, लुग हँसदा, सतार अंसारी आदि शामिल थे।

 

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Author: news100 livetv

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