आज दिनांक 5 मई 2025 को नागडा टोली स्थित सरना भवन में केंद्रीय सरना स्थल सिरमटोली बचाओ मोर्चा सहित विभिन्न आदिवासी धार्मिक एवं सांस्कृतिक संगठनों की एक महत्वपूर्ण संयुक्त बैठक पूर्व मंत्री श्रीमती गीता उरांव की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक का संचालन कुंदर्शी मुंडा ने किया।
बैठक में वक्ताओं ने एकमत से कहा कि जब तक सिरमटोली सरना स्थल से रैम नहीं हटाया जाता, तब तक चरणबद्ध जन आंदोलन जारी रहेगा। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन सरकार के कार्यकाल में आदिवासियों के धार्मिक स्थलों और जमीनों पर हस्तक्षेप और लूट की घटनाएँ बढ़ी हैं।
वक्ताओं ने यह भी कहा कि सिरमटोली रैम मामले पर सरकार द्वारा आदिवासी समाज से संवाद नहीं किया गया, और इसे हल्के में लेना यह दर्शाता है कि हेमंत सोरेन सरकार आदिवासी धर्म और संस्कृति के प्रति असंवेदनशील है। बैठक में यह भी सहमति बनी कि न सिर्फ सिरमटोली रैम, बल्कि पारसनाथ पहाड़, लुगुबुरु, दिवड़ी दिरी, मूढ़ा पहाड़ जैसे तमाम धार्मिक स्थलों की रक्षा हेतु संघर्ष को तेज किया जाएगा।
बैठक में सर्वसम्मति से निम्नलिखित प्रस्ताव पारित किए गए:
- जिस दिन हेमंत सरकार द्वारा सिरमटोली सरना स्थल पर रैम का उद्घाटन किया जाएगा, उसी दिन पूरे झारखंड में बंद का आह्वान किया जाएगा।
- जब तक सिरमटोली सरना स्थल से रैम को हटाया नहीं जाता, तब तक चरणबद्ध आंदोलन जारी रहेगा।
- पहान पुरोहित, ढोकलो सोहोर पड़हा समिति, मानकी मुंडा संघ द्वारा लुगुबुरु, पारसनाथ, मूढ़ा पहाड़, दिवड़ी दिरी जैसे धार्मिक स्थलों की रक्षा हेतु राज्यव्यापी आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया गया।
उपस्थित प्रमुख व्यक्ति:
निरंजना हेरेंज, देव कुमार धान, प्रेम शाही मुंडा, राहुल तिर्की, संगीता तिर्की, पवन तिर्की, अजय टोप्पो, दुर्गावती ओड़िया (खूंटी), बबलू मुंडा, जगलाल पाहन, सूरज टोप्पो, सिकंदर हेमरोम (गिरिडीह), सर्जन हांसदा, वासुदेव खड़िया, आकांक्षा कच्छप, मंगला कुल्लू, डेंगो लकड़ा, सुभाषी मुंडा, लखमा पईनभोरा, सोमरा मुंडा, झुम्मू टोप्पो, सिदाम सिंग्ङ मुंडा, एतवा उरांव, आकाश तिर्की, ब्लास्टर केराई, रतन एक्का, मधु लोहरा, बसंत मुंडा इत्यादि।
