रांची, झारखंड: प्रशिक्षित सी०आर०पी०/बी०आर०पी० संघ, झारखंड के अध्यक्ष बहादुर महतो ने झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के माननीय मंत्री महोदय से अविलंब आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध किया है। संघ ने अवर शिक्षा संवर्ग नियमावली 2023 में वर्णित पदों पर 50% आरक्षण एवं वेतनमान में सुधार की मांग की है।
संघ ने अपने बयान में कहा है कि सी०आर०पी०/बी०आर०पी० को सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत प्रखंड एवं जिला स्तर पर लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से नियुक्त किया गया था। ये अधिकारी पिछले 19 वर्षों से विद्यालय अनुश्रवण, बच्चों की उपलब्धि मूल्यांकन, शिक्षक प्रशिक्षण, आंकड़ों का विश्लेषण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के अलावा जनगणना, पंचायत चुनाव और लोकसभा चुनाव जैसे संवेदनशील कार्यों का भी सफलतापूर्वक संचालन कर रहे हैं।
संघ की प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
1. 50% आरक्षण और आयु सीमा में छूट:
अवर शिक्षा संवर्ग नियमावली में वर्णित प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, सहायक शिक्षा अधीक्षक, सहायक शिक्षा पदाधिकारी आदि के सीधी भर्ती में प्रशिक्षित सी०आर०पी०/बी०आर०पी० को 50% आरक्षण प्रदान किया जाए और उम्र सीमा को 58 वर्ष तक बढ़ाया जाए।
2. संकुल संसाधन समन्वयक के रूप में सेवा का क्रियान्वयन:
राज्य कार्यकारिणी की 38वीं बैठक में प्रशिक्षित संकुल साधन सेवियों को संकुल संसाधन केंद्र समन्वयक के रूप में सेवा लेने का निर्णय लिया गया था, जो अब तक लागू नहीं किया गया है। संघ ने इस निर्णय को अविलंब लागू करने अथवा योग्यताधारी सी०आर०पी०/बी०आर०पी० को वेतनमान एवं अन्य सुविधाएं देने की मांग की है।
3. मानदेय में 30% वृद्धि:
प्रशिक्षित और अप्रशिक्षित सी०आर०पी०/बी०आर०पी० के मानदेय में 30% अंतर होना चाहिए, लेकिन वर्तमान मानदेय नियमावली में इसका प्रावधान नहीं है। प्रशिक्षित सी०आर०पी०/बी०आर०पी० को इस अंतर को ध्यान में रखते हुए 30% अधिक मानदेय वृद्धि दी जानी चाहिए।
संघ ने इन मांगों पर शीघ्र कार्रवाई की अपील करते हुए कहा कि प्रशिक्षित सी०आर०पी०/बी०आर०पी० के हक-अधिकारों को अब और अधिक नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। संघ ने सरकार से आग्रह किया है कि इन मांगों को गंभीरता से लेते हुए आवश्यक निर्णय लिए जाएं।
