रांची, 25 सितंबर 2024: झारखंड के हजारीबाग, गिरिडीह, बोकारो और धनबाद जिलों के प्रवासी मजदूरों के विदेशों में फंसने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताज़ा मामला मलेशिया से सामने आया है, जहां झारखंड के 70 प्रवासी मजदूर पिछले चार महीनों से फंसे हुए हैं। मजदूरों को कंपनी द्वारा मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है, जिससे उनके सामने खाने-पीने का संकट उत्पन्न हो गया है।
मलेशिया में फंसे मजदूरों ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर अपनी दुर्दशा बयान की है और भारत सरकार से उन्हें सुरक्षित वतन वापसी कराने की अपील की है। इसके साथ ही मजदूरों ने कंपनी से बकाया वेतन की मांग भी की है। उन्होंने बताया कि वे रोज़गार की तलाश में मलेशिया गए थे, लेकिन अब उन्हें वहां कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है।
मजदूरों का कहना है कि उन्हें लंबे समय से वेतन नहीं मिला है, और अब उनके पास भोजन और अन्य ज़रूरतों के लिए पैसे नहीं बचे हैं। इस प्रताड़ना के बीच, मजदूरों ने सरकार से अपील की है कि उनकी जल्द से जल्द वापसी सुनिश्चित की जाए और उन्हें उनके बकाया वेतन का भुगतान दिलाने में मदद की जाए।
झारखंड के हजारीबाग, गिरिडीह, बोकारो और धनबाद जिलों से आए ये मजदूर मलेशिया में बेहतर आजीविका की उम्मीद से गए थे, लेकिन वहां पहुंचने के बाद उन्हें न सिर्फ आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा, बल्कि उन्हें प्रताड़ना और कठिनाइयों में जीने को मजबूर होना पड़ा।
यह घटना झारखंड से विदेशों में काम की तलाश में जाने वाले प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा और उनके अधिकारों पर सवाल खड़े करती है। राज्य और केंद्र सरकार से यह अपेक्षा की जा रही है कि प्रवासी मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए उन्हें राज्य में ही पर्याप्त रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं, ताकि ऐसे संकट से बचा जा सके।
