रांची, 23 जनवरी:झारखंड के मंत्री श्री दीपक बिरुआ ने फर्जी डीड के माध्यम से हो रहे भ्रष्टाचार पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि जब कोई व्यक्ति डीड अप्लाई करता है, तो उसे एक यूनिक नंबर आवंटित किया जाता है। लेकिन अक्सर छोटी-मोटी खामियां निकालकर उस डीड को कैंसिल कर दिया जाता है। इसके बाद, कुछ ही दिनों में उसी डीड नंबर के आगे-पीछे यूनिक नंबर लगाकर दोबारा डीड अप्लाई किया जाता है, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है।
मंत्री ने कहा कि इस प्रक्रिया के कारण म्यूटेशन के लंबित मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने संबंधित विभाग को सख्त निर्देश दिया है कि एक ही जमीन पर दोबारा डीड अप्लाई करने की प्रवृत्ति पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए, ताकि फर्जी डीड और म्यूटेशन संबंधी गड़बड़ियों पर अंकुश लगाया जा सके।
एनआईसी को उम्दा सॉफ्टवेयर बनाने के निर्देश
मंत्री बिरुआ ने एनआईसी (नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर) को निर्देश दिया है कि एक प्रभावी और उम्दा सॉफ्टवेयर विकसित किया जाए, जो दोबारा डीड अप्लाई करने पर तुरंत रोक लगा सके। इससे विभिन्न अंचलों में लंबित म्यूटेशन मामलों में कमी आएगी और अंचल कर्मियों को अन्य भूमि संबंधी कार्य निपटाने में आसानी होगी।
आदिवासी मूलवासियों को दी जाएगी मदद, बिचौलियों पर लगेगी लगाम
श्री बिरुआ ने कहा कि झारखंड के आदिवासी मूलवासियों को भूमि से जुड़ी प्रक्रियाओं की जानकारी कम होती है, जिसके कारण उन्हें बार-बार अंचल कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते हैं। इसका बिचौलिये गलत फायदा उठाते हैं। मंत्री ने सख्त लहजे में कहा कि भूमि विवादों में किसी भी प्रकार का फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आम जनता की समस्याओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
पुरखों की जमीन पर गलत कार्य करने वालों पर होगी कार्रवाई
मंत्री ने स्पष्ट किया कि पुरखों की जमीन को अवैध रूप से हड़पने वाले अंचलाधिकारी या कर्मी, जो किसी विशेष व्यक्ति के इशारे पर गड़बड़ियां करते हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि “अबुआ सरकार” किसी भी गलत व्यवस्था पर लगाम लगाने के लिए प्रतिबद्ध है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
