रांची, 12 फरवरी 2025 – भू राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दीपक बिरुआ ने अंचलों में रैयतों के आवेदनों को तकनीकी कारणों का हवाला देकर अस्वीकार करने की प्रवृत्ति पर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब ऐसे मामलों में चिन्हित अंचल अधिकारियों (सीओ) पर कार्रवाई होगी। साथ ही, दाखिल-खारिज से संबंधित मामलों में किसी आवेदन को अस्वीकृत करने या आपत्ति दर्ज करने पर सीओ को 50 शब्दों में ठोस कारण दर्ज करना अनिवार्य होगा।
मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन, रांची में भू राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की समीक्षा बैठक में मंत्री ने कहा कि कई बार झारभूमि पोर्टल की तकनीकी समस्याओं का हवाला देकर आवेदनों को अस्वीकार किया जाता है, जो अब स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने अंचल अधिकारियों को ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ अपने कार्यों का निर्वहन करने का निर्देश दिया।
मॉडर्न रिकॉर्ड रूम की व्यवस्था होगी दुरुस्त
मंत्री बिरुआ ने मॉडर्न रिकॉर्ड रूम से खतियान निकालने में आ रही तकनीकी समस्याओं पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने निर्देश दिया कि स्पष्ट स्कैनिंग और सही छपाई सुनिश्चित की जाए ताकि रैयतों को सही जानकारी मिल सके। इसके अलावा, कैथी और बंगला भाषा में लिखी खतियान के अनुवाद की सुविधा उपलब्ध कराने की जरूरत पर भी जोर दिया।
आरओबी निर्माण में ग्रामीण सड़कों की अनदेखी नहीं होगी
एनएचएआई की परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए मंत्री ने कहा कि रेल ओवर ब्रिज (आरओबी) निर्माण के दौरान ग्रामीण सड़कों की अनदेखी न की जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि आरओबी के नीचे छोड़ी गई जगह से आमजन को परेशानी नहीं होनी चाहिए। साथ ही, लैंड एक्वीज़िशन के मुआवजे का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए एनएचएआई अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए।
राजस्व संग्रहण और भूमि सीमांकन पर विशेष जोर
विभागीय सचिव चंद्रशेखर ने बैठक में कहा कि राजस्व संग्रहण के वार्षिक लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए कार्य किया जाए। कमजोर प्रदर्शन करने वाले अंचलों की विशेष समीक्षा कर सुधारात्मक रणनीति अपनाई जाएगी।
भू राजस्व विभाग के निदेशक भोर सिंह यादव ने विभागीय कार्यों की स्थिति प्रस्तुत करते हुए दाखिल-खारिज मामलों, वेब पीएन सुविधा, भू-लगान निर्धारण, ऑनलाइन भुगतान और भूमि सीमांकन की लंबित प्रक्रियाओं पर विस्तार से चर्चा की।
बैठक में उपस्थित अधिकारी
इस समीक्षा बैठक में मंत्री दीपक बिरुआ, सचिव चंद्रशेखर, विशेष सचिव शशि प्रकाश झा, भू राजस्व निदेशक भोर सिंह यादव, एलआरडीसी, एडिशनल कलेक्टर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं जिलेभर से आए पदाधिकारी उपस्थित रहे।
