रांची, झारखंड:सामाजिक अंकेक्षक एकता संघ, झारखंड के अध्यक्ष अरविंद सिंह के नेतृत्व में आज संघ के प्रतिनिधिमंडल ने माननीय ग्रामीण विकास मंत्री, झारखंड सरकार, दीपिका पांडेय सिंह से मुलाकात कर आठ सूत्री मांग पत्र समर्पित किया। मंत्री महोदया ने संघ की मांगों को गंभीरता से लेते हुए तत्क्षण जांच एवं सामाजिक अंकेक्षकों के अधिकार सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया।
पृष्ठभूमि:
सामाजिक अंकेक्षण एकता संघ ने 16 जनवरी 2025 को झारखंड के सामाजिक अंकेक्षण इकाई के राज्य समन्वयक को 19 सूत्री मांग पत्र समर्पित किया था। लेकिन अब तक इस मांग पत्र पर की गई कार्रवाई से संघ को अवगत नहीं कराया गया, जिससे अंकेक्षक असंतुष्ट हैं। इस संदर्भ में संघ ने हाल ही में समीक्षा बैठक कर निर्णय लिया कि ग्रामीण विकास विभाग की मंत्री से मिलकर पुनः अपनी मांगें प्रस्तुत की जाएं।
संघ की आठ सूत्री प्रमुख मांगें:
- सामाजिक अंकेक्षकों को स्थायी नियुक्ति एवं उचित वेतनमान प्रदान किया जाए।
- कार्य के दौरान मिलने वाली प्रतिपूर्ति में पारदर्शिता लाई जाए।
- समय-समय पर होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से संचालित किया जाए।
- कार्य का मूल्यांकन पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से हो।
- संविदा कर्मियों को स्थायी सेवा का अवसर दिया जाए।
- विभिन्न जिलों में अंकेक्षकों को समान रूप से कार्य आवंटित किया जाए।
- अंकेक्षण कार्य में उत्पन्न किसी भी बाधा के समाधान के लिए स्थायी निगरानी तंत्र स्थापित किया जाए।
- अंकेक्षकों को समय पर मानदेय और अन्य लाभों का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
मंत्री ने दिया जांच का आश्वासन
मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने संघ की मांगों को गंभीरता से सुनते हुए तत्काल जांच और उचित कार्रवाई का भरोसा दिया। उन्होंने अंकेक्षकों के अधिकारों की रक्षा और उनकी समस्याओं के निराकरण को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्य:
इस अवसर पर प्रदीप राउत (बीआरपी, उपाध्यक्ष, देवघर), वकील खान (सचिव, सिमडेगा), प्रियंका कुमारी (बीआरपी, गढ़वा), उपेंद्र कुशवाहा, मंतोष मेहता (पलामू), मिथलेश मेहता (वीआरपी, उंटारी रोड, पलामू), सुनील सिंह (वीआरपी, हैदर नगर, पलामू), ओमप्रकाश सिंह (कोडरमा), निशु गुप्ता (जामताड़ा), रविशंकर सिंह, कविता देवी (गोड्डा), विशेश्वर महतो (रांची) एवं वाशिम खान (बीआरपी, सिमडेगा) शामिल थे।
